बीजेपी अयोध्या हारी है ।
यह खबर इतनी वायरल की गई कि, किसी को एक पल के लिए भी नहीं लगा कि अयोध्या नाम की कोई सीट है ही नहीं….
इस सीट का नाम फैजाबाद है।फैजाबाद संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत 5 विधानसभा क्षेत्र हैं। अयोध्या 5 में से एक है। अयोध्या विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी को बढ़त मिली है। जबकि बाकी 4 सीटों पर बीजेपी को कम वोट मिले हैं. बीजेपी अयोध्या की सीट नहीं हारी है। लेकिन लोग अयोध्या न जाए इसलिए यह भ्रम जानबूझकर फैला रहे है। इसलिए बीजेपी अयोध्या नहीं खोई है लेकिन जानबूझकर यह नैरेटिव सेट किया जा रहा है कि बीजेपी ने अयोध्या खो दी है फैजाबाद नाम का उपयोग नहीं किया गया है और अयोध्या का उपयोग किया गया है। यूपी में बीजेपी की भारी हार हुई तो यह स्वाभाविक है कि पूरे भारत में बीजेपी समर्थक नाखुश और नाराज होंगे। लेकिन बीजेपी यूपी में 44 सीटें हार गई वह भी इसलिए की क्षेत्रीय समस्या को नजरंदाज किया गया,ऐसे उम्मीदवार खड़े किए जिसे लोग जानते ही नहीं थे।
केवल एक सीट को हाइलाइट किया गया और दिखाया गया कि हिंदुओं ने “अयोध्या” खो दी।
ये सब उन लोगों ने किया है जिन्होंने आखिरी दिन तक राम मंदिर का विरोध किया
अब इस पर ध्यान दें
जब हम कहते हैं कि बीजेपी फ़ैज़ाबाद में हार गई, तो यह उसी तरह है जैसे बीजेपी ग़ाज़ीपुर, बारामूला, हैदराबाद, मुर्शिदाबाद आदि में हार गई। क्या आप समझते हैं..? लेकिन जब यह कहा जाता है कि बीजेपी ने अयोध्या खो दी तो संदेश अलग अर्थ लेकर जाता है। अयोध्या का संबंध श्री राम से है। यह हिंदू जागृति से जुड़ा है। अयोध्या शब्द सुनते ही हमारे मन में कई भावनाएँ उभर आती हैं।
दूसरी बात यह है कि हम किसी ऐसी चीज पर प्रतिबंध लगाने या उसका बहिष्कार करने में माहिर हैं जो हमें पसंद नहीं है। हम बिना किसी हिचकिचाहट के चीजों अथवा व्यक्तियों पर बगेर सोचे समझे प्रतिबंध लगाने कि बात करने लगते हैं। उनका बहिष्कार करते हैं।शत्रु खेमे ने इस मानसिकता का बेहतरीन इस्तेमाल किया उन्होंने ऐसे संदेश बनाए कि हम अयोध्या नहीं जाएंगे यानी अयोध्या पर प्रतिबंध लगाओ” अगर हम अयोध्या जाएंगे भी तो वहां रुकेंगे नहीं, वहां खाना नहीं खाएंगे, वहां शॉपिंग नहीं करेंगे वगैरह-वगैरह।
आप अयोध्या में नहीं रहेंगे तो कहां रहेंगे? जाहिर तौर पर नजदीकी शहर फैजाबाद में जहां जिहादी मानसिकता वाले संख्या में अधिक हैं, इसलिए वे हमारा पैसा कमाएंगे। इसका मतलब है कि पहले हिंदुओं को अयोध्या न आने के लिए उकसाएं, और अगर कोई जाए तो उन्हें अयोध्या में पैसा खर्च न करने के लिए उकसाएं, जहां हिंदू व्यापार करते हैं। परिणाम – स्थानीय हिंदुओं और आगंतुक हिंदुओं के बीच अविश्वास पैदा करना।
नेरेटीव को समझो और बहकावे में मत आओ। सोचो समझो और दुश्मनों कि चाल में फसनें से बचे और बचाओ। हमें भगवान श्रीराम और अयोध्या वासियों के साथ डट कर खड़े रहने का समय है ।नेरेटिव के झांसे में न आए।अयोध्या जाए ,भगवान श्रीराम जी का दर्शन करे।