*शिक्षक दिलीप बाजपेई और पत्नी पर होगी एफआईआ*
*मामला न्यायालय में विचाराधीन फिर भी लगा दी बाड़ी , ग्राम पचपेढ़ी का मामला*
उमरियापान । शिक्षक दिलीप बाजपेई और उसकी पत्नी की एक और करतूत सामने आई है। इनके द्वारा बिना मालिकाना हक के ग्राम पचपेढ़ी के तालाब की भूमि पर अपनी बाड़ी लगाई है जबकि उपरोक्त भूमि में न तो इनका नाम दर्ज है और न ही इनका स्वामित्व है। इस मामले में भूमि के मूल स्वामित्वधारियों ने उमरियापान थाना में शिक्षक दिलीप बाजपेई और उसकी पत्नी मनीषा बाजपेई पर मामला दर्ज करने आवेदन दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि ढीमरखेड़ा तहसील के मौजा पचपेढ़ी, प.ह.नं.16, रा.नि.मं.उमरियापान, तहसील-ढीमरखेड़ा जिला कटनी स्थित खसरा नम्बर 247/1/1/1 जो तालाब की भूमि है जिसमें ग्राम पचपेढ़ी के मिश्रा परिवार का मालिकाना कब्जा पूर्वजों के समय से ही चला आ रहा है और राजस्व अभिलेख में नाम भी दर्ज है। कुछ समय पूर्व एक दलाल के द्वारा उपरोक्त भूमि में अपना स्वत्व बताते हुये और फर्जी दस्तावेज के सहारे जमीन का विक्रय मनीषा बाजपेई पति दिलीप बाजपेई निवासी-ग्राम पचपेढ़ी उमरियापान जिला कटनी को विक्रय किया गया । इस बात की जानकारी जैसे ही उपरोक्त संपत्ति के मूल खाताधारकों को लगी तब उनके द्वारा न्यायालय नायब तहसीलदार उमरियापान के समक्ष उपस्थित होकर वस्तु स्थिति से अवगत कराया गया और नामांतरण में आपत्ति लगाई गई। वर्तमान समय में मामला नायब तहसीलदार उमरियापान के न्यायालय में विचाराधीन है इसके बाद भी उक्त तथाकथित शिक्षक दिलीप बाजपेई के द्वारा रात के समय उक्त जमीन पर बाड़ी लगा दी गई। स्मरण रहे कि दिलीप बाजपेई पेशे से शिक्षक है जिन पर बच्चों को अच्छी शिक्षा देने का उत्तरदायित्व बनता है लेकिन इनके कारनामे ऐसे है जिसको देखकर यह लगाता है कि ये बच्चों को क्या शिक्षा देते होंगे।
नियमों का घोर उल्लघंन
म.प्र.भू-राजस्व संहिता 1959 के प्रावधानों में यह स्पष्ट वर्णित किया गया है कि जब तक संबंधित व्यक्ति का नाम संबंधित भूमि पर राजस्व अभिलेख में अंकित नहीं हो जाता तब तक वहीं व्यक्ति उस भूमि का मालिक, स्वत्वधारी नहीं कहलाता है जिसका नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज होता है वहीं मूल मालिक स्वामी होता है। उपरोक्त प्रकरण में वर्तमान समय में ग्राम पचपेढ़ी के मिश्रा परिवार का कब्जा है और राजस्व अभिलेख में भी परिवार के सभी व्यक्तियों का नाम दर्ज चला आ रहा है जिससे दिलीप बाजपेई का कोई वैधानिक अधिकार ही नहीं बनता है और इसके द्वारा नियम विरूद्ध तरीके से उक्त जमीन पर बाड़ी लगा दी गई जबकि इस भूमि से संबंधित मामला न्यायालय में विचाराधीन है और यह विधि का सुस्थापित सिद्धांत है कि जब भी किसी न्यायालय में कोई भी मामला लंबित होता है इस दौरान किसी तरह का निर्माण कार्य अथवा अन्य गतिविधियों नहीं की जा सकती है इसके बाद भी दिलीप बाजपेई के द्वारा नियम विरूद्ध तरीके से बाड़ी लगाई गई है। इस मामले में उक्त भूमि के मूल स्वामित्वधारियों के द्वारा उमरियापान थाना में शिक्षक दिलीप बाजपेई और उसकी पत्नी मनीषा बाजपेई पर मामला दर्ज करने आवेदन दिया गया है।
*राहुल पांडेय की रिपोर्ट*