जिला सोनभद्र
रिपोर्टर विनय कुमार मौर्य
मोबाइल नंबर 9454008431
दिनांक 26/06/2022
सोनांचल संघर्ष वाहिनी
के राष्ट्रीय अध्यक्ष रोशन लाल एडवोकेट द्वारा सोनभद्र को
अलग राज्य बनाने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन
आज सोनांचल संघर्ष वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रोशन लाल यादव ,एडवोकेट रविवार को चोपन ब्लॉक के पडरछ गाँव के धरना टोले में आह्वान पर आदिवासियों और मूलनिवासियों ने ग्राम प्रधान प्रतिनिधि अमरेश यादव की अध्यक्षता में जनसभा का आयोजन किया।।जनसभा को सम्बोधित करते हुए सोनांचल संघर्ष वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रोशन लाल यादव ने कहा सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, भदोही, कैमूर (भभुआ),गढ़वा और सिंगरौली को मिलाकर अलग राज्य सोनांचल बनाये जाने की आवाज़ 1992 से सोनांचल संघर्ष वाहिनी लगातार अपनी आवाज बुलंद करती चली आ रही है।जिसके लिए सोनांचल संघर्ष वाहिनी ने 2010 के दशक में लखनऊ विधान सभा और नई दिल्ली जंतर मंतर भी बड़ा आंदोलन किया था।।प्रस्तावित सोनांचल राज्य की भौगोलिक स्थिति बिल्कुल झारखंड राज्य जैसी है, सोनांचल आदिवासी बहुल और जंगल पहाड़ से घिरा इलाका है जहाँ अपार खनिज संपदा और बिजली, कोयला, एल्युमिनियम का बड़ा भंडार है जहाँ से देश और प्रदेश की सरकारों को प्रतिवर्ष हजारों करोड़ की रॉयल्टी जाती है, लेकिन आज़ादी के 75 साल बाद भी सोनांचल का आदिवासी और मूलनिवासी दर्दनाक व्यथा के दौर से गुजर रहा है, सोनांचल में दर्जन भर से ऊपर कल कारखाने रहते हुए भी आदिवासियों और मूलनिवासियों की नौकरियों और रोजगार में भागीदारी न के बराबर है।।सोनांचल के मूलतः वाशिन्दों की विकास दर शून्य है।।सोनांचल में संगठित भू माफियाओं, कोयला माफियाओं और खनन माफियाओं का सिक्का चल रहा,इनसे संगठित सफेदपोश मिलकर सोनांचल की संपदा को लूट रहें और दोहन कर रहें, इन्हें कोई बोलने और रोकने वाला नही।।सोनांचल के हालात इस दोहन और लूट से बदसे बदतर हो चुके हैं, इनका विरोध करने वाले साजिशन फसा कर जेल भेजे जाते हैं।।कैमूर सर्वे एजेंसी ने इन्ही माफियाओं के इशारे पर सोनांचल के हजारों आदिवासियों की पुश्तैनी जमीन लुटवा दिया और आज वही आदिवासी सोनांचल की सड़कों पर दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं।। रोशन लाल यादव ने यह भी कहा कि जो आदिवासी सोनांचल के जंगलों में वनभूमि पर पुश्तैनी जोत कोड करते चले आ रहें ,वनाधिकार कानून लागू होने के 17 साल बाद भी सरकारों ने उन्हें पट्टा देकर मालिकाना हक नही सौंपा जो आदिवासियों के साथ बड़ा और घोर अन्याय जारी है।।देश मे कई छोटे राज्य मणिपुर, मेघालय, त्रिपुरा, पांडिचेरी, गोआ, सिक्किम और गोरखालैंड हैं जो सोनांचल के क्षेत्रफल ,आबादी से छोटे है जहाँ एक मात्र संसदीय सीटें हैं और इन तमाम छोटे राज्यों से सोनांचल आर्थिक रूप से भी मजबूत है।।प्रधानमंत्री स्वर्गीया इंदिरा गांधी ने इस इलाके को केंद्र शासित राज्य का दर्जा देने के लिए पहल भी किया था, किंतु वो पहल कागजों पर रह गई।।रोशन लाल यादव ने कहा कि प्रस्तावित सोनांचल राज्य के सातों जिलों में सोनांचल आंदोलन को धार देने के लिए सोनांचलवासियों को लाम बन्द कर जल्द अलग राज्य की माँग को लेकर बड़े आंदोलन का आगाज़ सोनांचल की सड़कों पर नज़र आएगा।।
सभा का संचालन चंद्रदेव चेरो ने किया।मौके पर भोला यादव,, रविन्द्र यादव, अन्नू खान,सलमान खान, महेंद्र चेरो, राजकुमार चेरो, रामनरेश अगरिया, ईश्वर चेरो, विष्णुधारीअगरिया,राजेश चेरो, अवधेश चेरो आदि लोग उपस्थित थे।।