नमस्कार मेरा नाम है असलम अंसारी और आप देख रहे हैं भारत टीवी…
अल्लाह ने जब सबसे खूबसूरत चीज बनाने की सोची तो वह था इंसान.
जब इंसान को अल्लाह ने पैदा किया.और उस इंसान का नाम अल्लाह ने आदम रखा.जिसको इस्लाम को मानने बाले ही नहीं.बल्कि तोरेत.बाइबल. यानी कि ईसाई और यहूदी भी अपना अपना नवी मानते हैं.अल्लाह ने आदम को लगभग 500 साल पहले पैदा किया था.आदम अलैहि सलाम के 3 बेटे थे. अविल और काबिल .और सीस.सीस अलैहि सलाम की नस्लों में से ही है इब्राहिम अलैहि सलाम. आदम अलैहिस्सलाम को यहूदी.और क्रिश्चियन आदम को येदाम के नाम से पूछते हैं.ईद उल अजहा का क्या मतलब है और क्यों दी जाती है इस दिन कुर्बानी. अल्लाह हर नबी का इम्तिहान लेता था.और अब बारी थी इब्राहिम अलेहे सलाम के इम्तिहान की.इस्लामीक मान्यताओं के अनुसार हजरत इब्राहिम अल्लाह के पैगंबर थे. एक बार सपने में अल्लाह ने हज़रत इब्राहीम से कहा कि तुम अपनी सबसे प्यारी चीज कुर्बान करो.तो इब्राहिम अलैहि सलाम ने 100 उंटो की कुर्बानी दे दी. लेकिन इब्राहिम अलैहि सलाम को दूसरे दिन भी वही ख्वाब आया. तो दूसरे दिन भी इब्राहिम अली सलाम ने 200 ऊंट की कुर्बानी दे दी. लेकिन तीसरे दिन भी इब्राहिम अलैहि सलाम को फिर से ख्वाब आया. अपनी सबसे प्यारी चीज को अल्लाह की राह में कुर्बान कीजिए.तब इब्राहिम अलैहि सलाम सोचने लगे कि आखिर ऐसी क्या चीज है जो अल्लाह हमसे इम्तिहान ले रहा है. फिर इब्राहिम अलैहि सलाम ने अपने बेटे स्माइल अलैहिस्सलाम. की कुर्बानी देने की सोची. लेकिन शैतान यह नहीं चाहता था कि कोई भी नबी अल्लाह की बात माने. शैतान ने इब्राहिम अली सलाम की धर्मपत्नी. हजरत हाजरा को भड़काना शुरू कर दिया. की इब्राहिम आपके बेटे की कुर्बानी देने जा रहे हैं. इब्राहिम की पत्नी हाजरा ने कहा कि यह भी तो अल्लाह की नियामत है. और अल्लाह ने 80 साल बाद पैदा किया.अल्लाह अगर हमसे इम्तिहान ले रहा है तो ममेरा एक बेटा ही क्यों मेरे हजारों बेटे अल्लाह की राह में कुर्बान है.फिर शैतान ने सोचा.इनका ईमान तो पक्का है. फिर वह इस्माइल के पास पहुंचा…जो की इब्राहिम के बेटे थे…जिनकी कुर्बानी देने के लिए इब्राहिम अलैहि सलाम ले जा रहे थे… शैतान ने इस्माइल से कहा कि आपके पिता आपको दावत में नहीं बल्कि आपकी कुर्बानी देने जा रहे हैं…जब यह बात इस्माइल को पता चली तो वह भी इस बात पर खुश हुआ… की अल्लाह के रास्ते पर चलते हुए कुर्बान होने जा रहा है…जब हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम इस्माइल की कुर्बानी देने के लिए जाने लगे तो रास्ते में उन्हें शैतान ने ऐसा करने से रोका..
पूरी खबर को वीडियो में देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें. 👇
https://www.facebook.com/share/v/bneMPZ3imW9JCQVh/?mibextid=qi2Omg
.लेकिन पैगंबर नहीं माने. जब इस्माइल अलैहि सलाम की कुर्बानी देने की बारी आई तो. तो बेटे इस्माइल ने अपने पिता से कहा कि पिताजी आप अपने आंखों से पट्टी बांध लें जिससे आप शैतान के भड़कावे में नहीं आ सके.हज़रत इब्राहीम ने अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली जैसे ही इब्राहिम ने इस्माइल के गले पर छुरी चलाई तो वहां पर स्माइल की जगह एक दुंबा आ गया जिसकी कुर्बानी हो गई. इस तरह अल्लाह ने इस्माइल को बचा लिया और दुम्बे की कुर्बानी ले ली. और इस अल्लाह के इम्तिहान में इब्राहिम अलैहि सलाम पास हो गए. तभी से हार साल यह त्योहार ईद उल अजहा यानी कि बकरीद के नाम से मनाया जाता है. इस्लामी मान्यताओं के अनुसार यह कुर्बानी बकरे की नहीं बल्कि अपनी बुराइयों की भी होती है.