ढीमरखेड़ा- तहसील क्षेत्र ढीमरखेड़ा के अंतर्गत आने वाली सेंट्रल बैंक दलालों के माध्यम से चलाई जा रही है। जब पासबुक बनवाने जाओ तो वही पासबुक आम आदमी को महीनों में मिलती है पर उनके कुछ खास आदमियों को मिनटों में पासबुक बन करके मिल जाती है। वही मोहित पांडे के खाते से ₹1000 काट लिए गए जो कि बताया गया कि एटीएम की पेमेंट हैं पर एक महीने से ज्यादा का समय हो जाने के बाद आज तक एटीएम नहीं मिला। वही किसान क्रेडिट कार्ड में एक लाख में 10 % लिया जाता है। मैनेजर साहब यह भी नहीं बताते कि एक लाख में 10 % किस बात का लेते हैं। शिकायतकर्ता- मोती लाल पटेल, सुजस चौबे , आकाश पटेल, शुभम चतुर्वेदी, लक्ष्मी पटेल, सतीश, अमन, गोलू अनेकों लोगों ने एक लाख में 10% से परेशान होकर किसान क्रेडिट कार्ड नहीं बनवाया। वहीं पर आकाश चौरसिया को प्राइवेट रूप में रखा गया है जब बैंक सरकारी है तो प्राइवेट लोगों को कैसे रखा जा सकता है। आकाश चौरसिया उमरिया पान मे अपनी शाखा चलाता है पर दिन भर ढीमरखेड़ा बैंक में ही बैठा रहता है उमरिया पान मे सेंट्रल बैंक की शाखा मे खाता धारक चक्कर काटते हुए नजर आ रहे हैं। आकाश चौरसिया किस कारणवश बैंक में बैठता है यह बात गोपनीय है इस बात का खुलासा अभी नहीं हुआ है। जब आकाश चौरसिया से खाताधारक बात करते हैं तो रौब झाड़ते हुए नजर आता है। आकाश चौरसिया का कहना है कि जिसको जो करना हो कर लो मुझे किसी अधिकारी का डर नहीं है। जैसा सेंट्रल बैंक का मैनेजर है उसी प्रकार उसके कर्मचारी भी रौब झाड़ते हुए नजर आते हैं।
राहुल पांडे की रिपोर्ट