शिवम कुमार तिवारी ब्यूरो सूरजपुर
समिति गठन के नाम पर छलावा आज तक कोई बैठक ही नही हुआ
छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ के बैनर तले जिले के मनरेगा कर्मचारी और अधिकारी 4 अप्रैल 2022 से हड़ताल पर हैं। मनरेगा कर्मचारी संघ की नियमितीकरण सहित दो सूत्रीय मांग है। अधिकारी कर्मचारियों के हड़ताल 45 दिनों से अधिक हो गया है। फिर भी सरकार द्वारा इनकी मांगों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रही है। जिससे जिले में 150 करोड़ से अधिक का कार्य प्रभावित हो रहा है। मनरेगा के चलते प्रतिदिन जिले में हजारों लोगों को रोजगार मिलता था, लेकिन हड़ताल के चलते मनरेगा का कार्य पूरी तरह से बंद है। सूरजपुर ज़िले अंतर्गत 142461 परिवार पंजीकृत है परंतु 1614 परिवार को ही रोजगार अप्रैल एवम मई माह में दिया जा सका है इससे मनरेगा मजदूरों में रोजगार के लिए रोजी-रोटी की समस्या पैदा हो गई है मजदूर भी नरेगा कर्मचारियों का समर्थन मे करने लगे है रोजगार सहायको के 5000 अल्प वेतन में कैसे चलेगा इनका परिवार।
माननीय मुख्यमंत्री महोदय के द्वारा 29 अप्रैल 2022 को मनरेगा संघ के सदस्यों से मुलाकात के बाद समिति गठन करने का आश्वासन देकर 6 मई 2022 को समिति का गठन किया गया समिति का गठन हुए 13 दिनों से अधिक होने के बावजूद भी अभी तक समिति के सदस्यों का एक भी बैठक नही हुआ है मनरेगा कर्मचारियों का मांग पूरा नहीं होने तक हड़ताल में रहने का संघ के द्वारा निर्णय लिया गया है। जिससे लाखो मजदूरों को इनकी खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
मनरेगा कर्मचारी संघ की नियमितीकरण सहित दो सूत्रीय मांग है। अधिकारी कर्मचारियों के हड़ताल के चलते जिले में 150 करोड़ से अधिक का कार्य प्रभावित हो हो रही है। मनरेगा से चलते प्रतिदिन जिले में हजारों लोगों को रोजगार मिलता था, लेकिन हड़ताल के चलते मनरेगा का कार्य पूरी तरह से बंद है। इससे मनरेगा मजदूरों में रोजगार समेत रोजी-रोटी की समस्या पैदा हो रही है।
मनरेगा कर्मचारी भी अल्प वेतन से परेशान होकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने हेतु विवश हैं। इस बार ग्राम स्तर पर कार्यरत रोजगार सहायक से लेकर तकनीकी सहायक, सहायक ग्रेड, लेखापाल, सहायक प्रोग्रामर, कार्यक्रम अधिकारी, सहायक परियोजना अधिकारी, भृत्य सहित राज्य स्तर के मनरेगा कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। जिसके चलते मनरेगा का कार्य ठप पड़ा हुआ हैं। हड़ताल पर बैठे मनरेगा संघ के जिला अध्यक्ष ने बताया कि सूरजपुर जिले में मनरेगा के तहत रोजाना 70 से 75 हजार लोगों को रोजगार मिलता है। जिसमें लगभग 1 करोड़ 35 लाख रुपये का मजदूरी भुगतान होता है। लेकिन मनरेगा कर्मचारियों के हड़ताल पर होने से मनरेगा के तहत होने वाले सभी कार्य पूरी तरह से बंद हैं। जिससे न तो कार्य दिवस सृजित हो रहा है और न ही लोगों को रोजगार मिल रहा है। मनरेगा के तहत जिले में 527 अधिकारी कर्मचारी हैं और सभी हड़ताल पर हैं। हड़ताल के 45 दिनों से अधिक होने पर भी मनरेगा कर्मचारी हड़ताल पर डटे हुए है। कर्मचारियों ने कहा कि सरकार चुनाव के समय किये गए अपने वायदे को पूर्ण करे।
यह है मांग इनकी छत्तीसगढ़ मनरेगा कर्मचारी महासंघ की मांग है कि चुनावी जन घोषणा पत्र को आत्मसात करते हुए समस्त मनरेगा कर्मियों का नियमितीकरण किया जाए, नियमितीकरण की प्रक्रिया पूर्ण होने तक ग्राम रोजगार सहायकों का वेतनमान निर्धारण कर समस्त मनरेगा कर्मियों पर सिविल सेवा नियम 1966 के साथ पंचायत कर्मी नियमावली लागू किया जाए।
आज 18 मई को 15 हजार नरेगा कर्मचारियो के द्वारा ट्वीटर दिवस मनाया गया
आज दिनांक 18 मई को मनरेगा कर्मचारियों के द्वारा अपने 2 सूत्री मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं। जिससे मनरेगा कर्मचारियों के द्वारा विभिन्न विभिन्न गतिविधिया कर अपना धरना को अंजाम दे रहे हैं आज बता दें कि 15 हज़ार मनरेगा कर्मचारियो के द्वारा सोशल मिडिया के माध्यम से ट्वीटर दिवस मनाया गया जिसमें हैजटैग लगाकर सीजीएमजी नरेगा का छायाचित्र को टि्वटर अकाउंट से नियमितिकरण दिए जाने हेतु मुख्यमंत्री महोदय, न्यूज चैनलों एवम जनप्रतिनिधियों को ट्वीट किया गया। ट्विटर के माध्यम से जल्द से जल्द नियमितिकरण दिए जाने का मांग किया गया है।