• About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact
ADVERTISEMENT
  • छत्तीसगढ़
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • नॅशनल
  • Team
No Result
View All Result
  • छत्तीसगढ़
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • नॅशनल
  • Team
No Result
View All Result
No Result
View All Result
ADVERTISEMENT
Home उत्तर प्रदेश

अदालत में ताज:मंदिर या मकबरा, क्या 22 दरवाजों में बंद है राज; इसे खोलने को चाहिए करोड़ों रुपए, हाईकोर्ट में आज सुनवाई टली

Team Bharat TV24x7 by Team Bharat TV24x7
May 10, 2022
in उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, नॅशनल
0
0
SHARES
0
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on WhatsApp

वीरेंद्र पटेल ब्यूरो छत्तीसगढ़

नई दिल्ली: मस्जिद के बाद मकबरा… अयोध्या के बाद आगरा… राम मंदिर के बाद शिव मंदिर और ताजा विवाद है ताजमहल का। हाल ही में भाजपा के एक कार्यकर्ता डॉ. रजनीश ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल की है। यह याचिका ताजमहल के शिव मंदिर या तेजो महालय होने का दावा करती है। इस पर आज सुनवाई होनी थी, लेकिन वकीलों की हड़ताल के चलते यह टल गई है।याचिकाकर्ता का कहना है कि ताजमहल को लेकर सस्पेंस बरकरार है। यह साफ होना चाहिए कि वह शिव मंदिर है या मकबरा। अगर ताज के बंद दरवाजे खुलेंगे, तो यह विवाद हमेशा के लिए दफन हो जाएगा। याचिका पर फैसला कोर्ट करेगा, लेकिन एक्सपर्ट की मानें तो ताज के 22 बंद दरवाजों को खोलना आसान नहीं होगा।

*विरासत को खतरा, UNESCO का दखल और बेतहाशा खर्च*

ताज के बंद दरवाजों को खोलने में एक नहीं कई अड़चनें हैं। पहली, वर्ल्ड हेरिटेज का दर्जा रखने वाली इमारत से छेड़छाड़ के लिए चाहिए होंगे करोड़ों रुपए और हाईलेवल एक्सपर्सट्स की कई टीमें। दूसरी वजह यह भी है कि ताजमहल वर्ल्ड हैरीटेज मॉन्यूमेंट है, इसलिए UNESCO भी इस मामले में दखल देगा।
सेंट्रल स्टडीज एंड हेरिटेज मैनेजमेंट रिसोर्सेज, पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट अहमदाबाद में ऑनरेरी डायरेक्टर देबाशीष नायक कहते हैं, ‘ताजमहल वर्ल्ड हेरिटेज है, ऐसे में उसके ढांचे से छेड़छाड़ करने के लिए UNESCO से डिस्कस करना पड़ेगा। लॉजिक देना पड़ेगा। उसके बाद ही आप दरवाजे खोल सकते हैं।’

लेकिन क्या यह संभव है कि अगर कोर्ट ASI को उन दरवाजों को खोलने का निर्देश दे और याचिकाकर्ता का दावा ठीक निकले, तो भी वह वर्ल्ड हेरिटेज रहे? वे कहते हैं, यह दूर की कौड़ी है। लेकिन अगर हेरिटेज इमारत का ऑब्जेक्टिव चेंज होगा, तो UNESCO दखल जरूर देगा। उसके बाद वह इस पर फाइनल फैसला लेगा।

*ताजमहल के आर्किटेक्चर को बचाए रखना बड़ी चुनौती*

BHU की हिस्ट्री प्रोफेसर और आर्कियोलॉजिस्ट बिंदा कहती हैं, ‘ताजमहल का आर्किटेक्चर बेहद अनूठा है। आप देखिए कि उस पर लिखी कुरान की आयतों को आप जिस भी डायरेक्शन से देखें तो वे दिखाई देती हैं। इसका मतलब है कि तब के कारीगरों और एक्सपर्ट्स ने इंसानी विजन को समझकर उसका वैज्ञानिक विश्लेषण करने के बाद आयतें इस ढंग से लिखी होंगी कि दूर से और हर एंगल से वे दिखाई दें। ऐसे में अगर दरवाजे खोलने का निर्णय लिया गया तो पहले बेहद सावधानी और एक्सपर्ट्स की टीम के साथ काम करना होगा।
बिंदा के मुताबिक, ‘टीम भी कई स्तरों पर गठन करने की जरूरत होगी, पहली आर्काइव को खंगालने के लिए, दूसरी आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम और फिर ऐसी टीम भी जो केमिस्ट्री यानी केमिकल्स की जानकार हो। अगर कोई स्ट्रक्चर जरा सा भी क्षतिग्रस्त हुआ, तो उसे मेंटेन करना आसान नहीं होगा। इन सबके लिए करोड़ों रुपए के फंड की जरूरत होगी। ऐसे में अगर ताजमहल के दरवाजे खोलने का निर्णय हुआ तो सबसे पहले फंड एलोकेट करना होगा। वह कोई छोटा-मोटा फंड नहीं होगा। कई काम फंड की कमी से बीच में ही अटक जाते हैं।’

*इतिहासकारों को भी नहीं पता, क्यों बंद हैं दरवाजे*

आप हिस्ट्री की प्रोफेसर हैं, आपको क्या लगता है, आखिर यह 22 दरवाजे बंद क्यों हैं? इस सवाल पर प्रो. बिंदा कहती हैं, ‘देखिए कोणार्क मंदिर का भी कुछ हिस्सा बंद था, लेकिन उसके पीछे वजह यह थी कि वह डैमेज हो रहा था। अगर उसे पर्यटकों के लिए खोला रखा जाता तो वह और भी डैमेज हो जाता। अब ताजमहल के बंद दरवाजों के पीछे रहस्य क्या है, यह तो उनके खुलने के बाद ही पता चलेगा। मेरी चिंता बस यह है कि अगर कोई विवाद है तो उसे सुलझाया जाए, लेकिन वैश्विक धरोहरों और दुनिया के लिए मिसाल बने आर्किटेक्चर से छेड़छाड़ न हो। अगर कुछ करना भी है तो फिर ऐसे हो कि विवाद भी सुलझ जाए और वह इमारत अपने मूल रूप में भी बनी रहे।’

*याचिकाकर्ता ने कहा- भविष्य के विवाद से बचने के लिए पर्दा उठाना जरूरी*

रजनीश सिंह ने कहा, ‘मैं केवल शंका का समाधान चाहता हूं। जो सच होगा, वह सामने आएगा। वे 22 दरवाजे खुलेंगे, तो पता चलेगा कि वह मकबरा है या मंदिर। मैं अभी से कोई दावा नहीं करता। उन्होंने यह भी साफ किया कि उनकी याचिका का पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है। यह उनकी व्यक्तिगत याचिका है।’
Quiz banner
अदालत में ताज:मंदिर या मकबरा, क्या 22 दरवाजों में बंद है राज; इसे खोलने को चाहिए करोड़ों रुपए, हाईकोर्ट में आज सुनवाई टली
नई दिल्ली2 घंटे पहलेलेखक: संध्या द्विवेदी

मस्जिद के बाद मकबरा… अयोध्या के बाद आगरा… राम मंदिर के बाद शिव मंदिर और ताजा विवाद है ताजमहल का। हाल ही में भाजपा के एक कार्यकर्ता डॉ. रजनीश ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल की है। यह याचिका ताजमहल के शिव मंदिर या तेजो महालय होने का दावा करती है। इस पर आज सुनवाई होनी थी, लेकिन वकीलों की हड़ताल के चलते यह टल गई है।

याचिकाकर्ता का कहना है कि ताजमहल को लेकर सस्पेंस बरकरार है। यह साफ होना चाहिए कि वह शिव मंदिर है या मकबरा। अगर ताज के बंद दरवाजे खुलेंगे, तो यह विवाद हमेशा के लिए दफन हो जाएगा। याचिका पर फैसला कोर्ट करेगा, लेकिन एक्सपर्ट की मानें तो ताज के 22 बंद दरवाजों को खोलना आसान नहीं होगा।

विरासत को खतरा, UNESCO का दखल और बेतहाशा खर्च
ताज के बंद दरवाजों को खोलने में एक नहीं कई अड़चनें हैं। पहली, वर्ल्ड हेरिटेज का दर्जा रखने वाली इमारत से छेड़छाड़ के लिए चाहिए होंगे करोड़ों रुपए और हाईलेवल एक्सपर्सट्स की कई टीमें। दूसरी वजह यह भी है कि ताजमहल वर्ल्ड हैरीटेज मॉन्यूमेंट है, इसलिए UNESCO भी इस मामले में दखल देगा।

सेंट्रल स्टडीज एंड हेरिटेज मैनेजमेंट रिसोर्सेज, पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट अहमदाबाद में ऑनरेरी डायरेक्टर देबाशीष नायक कहते हैं, ‘ताजमहल वर्ल्ड हेरिटेज है, ऐसे में उसके ढांचे से छेड़छाड़ करने के लिए UNESCO से डिस्कस करना पड़ेगा। लॉजिक देना पड़ेगा। उसके बाद ही आप दरवाजे खोल सकते हैं।’

लेकिन क्या यह संभव है कि अगर कोर्ट ASI को उन दरवाजों को खोलने का निर्देश दे और याचिकाकर्ता का दावा ठीक निकले, तो भी वह वर्ल्ड हेरिटेज रहे? वे कहते हैं, यह दूर की कौड़ी है। लेकिन अगर हेरिटेज इमारत का ऑब्जेक्टिव चेंज होगा, तो UNESCO दखल जरूर देगा। उसके बाद वह इस पर फाइनल फैसला लेगा।

ताजमहल के आर्किटेक्चर को बचाए रखना बड़ी चुनौती
BHU की हिस्ट्री प्रोफेसर और आर्कियोलॉजिस्ट बिंदा कहती हैं, ‘ताजमहल का आर्किटेक्चर बेहद अनूठा है। आप देखिए कि उस पर लिखी कुरान की आयतों को आप जिस भी डायरेक्शन से देखें तो वे दिखाई देती हैं। इसका मतलब है कि तब के कारीगरों और एक्सपर्ट्स ने इंसानी विजन को समझकर उसका वैज्ञानिक विश्लेषण करने के बाद आयतें इस ढंग से लिखी होंगी कि दूर से और हर एंगल से वे दिखाई दें। ऐसे में अगर दरवाजे खोलने का निर्णय लिया गया तो पहले बेहद सावधानी और एक्सपर्ट्स की टीम के साथ काम करना होगा।

बिंदा के मुताबिक, ‘टीम भी कई स्तरों पर गठन करने की जरूरत होगी, पहली आर्काइव को खंगालने के लिए, दूसरी आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम और फिर ऐसी टीम भी जो केमिस्ट्री यानी केमिकल्स की जानकार हो। अगर कोई स्ट्रक्चर जरा सा भी क्षतिग्रस्त हुआ, तो उसे मेंटेन करना आसान नहीं होगा। इन सबके लिए करोड़ों रुपए के फंड की जरूरत होगी। ऐसे में अगर ताजमहल के दरवाजे खोलने का निर्णय हुआ तो सबसे पहले फंड एलोकेट करना होगा। वह कोई छोटा-मोटा फंड नहीं होगा। कई काम फंड की कमी से बीच में ही अटक जाते हैं।’

इतिहासकारों को भी नहीं पता, क्यों बंद हैं दरवाजे!
आप हिस्ट्री की प्रोफेसर हैं, आपको क्या लगता है, आखिर यह 22 दरवाजे बंद क्यों हैं? इस सवाल पर प्रो. बिंदा कहती हैं, ‘देखिए कोणार्क मंदिर का भी कुछ हिस्सा बंद था, लेकिन उसके पीछे वजह यह थी कि वह डैमेज हो रहा था। अगर उसे पर्यटकों के लिए खोला रखा जाता तो वह और भी डैमेज हो जाता। अब ताजमहल के बंद दरवाजों के पीछे रहस्य क्या है, यह तो उनके खुलने के बाद ही पता चलेगा। मेरी चिंता बस यह है कि अगर कोई विवाद है तो उसे सुलझाया जाए, लेकिन वैश्विक धरोहरों और दुनिया के लिए मिसाल बने आर्किटेक्चर से छेड़छाड़ न हो। अगर कुछ करना भी है तो फिर ऐसे हो कि विवाद भी सुलझ जाए और वह इमारत अपने मूल रूप में भी बनी रहे।’

याचिकाकर्ता ने कहा- भविष्य के विवाद से बचने के लिए पर्दा उठाना जरूरी
रजनीश सिंह ने कहा, ‘मैं केवल शंका का समाधान चाहता हूं। जो सच होगा, वह सामने आएगा। वे 22 दरवाजे खुलेंगे, तो पता चलेगा कि वह मकबरा है या मंदिर। मैं अभी से कोई दावा नहीं करता। उन्होंने यह भी साफ किया कि उनकी याचिका का पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है। यह उनकी व्यक्तिगत याचिका है।’

ताजमहल पर ताजा याचिका के बारे में जानने से पहले आप इन खबरों को भी पढ़ सकते हैं..​​​​

88 साल पहले खुले थे ताजमहल के 22 कमरे: ये फिर खुले तो नए रहस्य सामने आएंगे
ताजमहल पर हाईकोर्ट में याचिका: सालों से बंद 20 कमरे खुलवाकर जांच की गुहार

*पिटीशन में ताजमहल पर उठाए गए 5 गंभीर सवाल*

1. पिटीशन में हवाला दिया गया है कि कई किताबों में ये जिक्र है कि 1212 AD में राजा परमारदी देव ने तेजो महालय बनवाया था, जो बाद में जयपुर के राजा मान सिंह को विरासत में मिला था। यही बाद में राजा जय सिंह को मिला। शाहजहां ने तेजो महालय को तुड़वाकर इसे मकबरा बना दिया था।

2. किसी भी मुगल कोर्ट पेपर या क्रॉनिकल, यहां तक कि औरंगजेब के समय में भी ताजमहल का जिक्र नहीं है। मुस्लिम महल शब्द का इस्तेमाल कभी नहीं करते। किसी भी मुस्लिम कंट्री में इस शब्द के होने के प्रमाण नहीं हैं।

3. औरंगजेब काल के तीन दस्तावेज हैं- आदाब-ए-आलमगिरी, यादगारनामा और मुरक्का-ए-अकबराबादी। इनमें दर्ज 1652 AD के एक पत्र में औरंगजेब ने मुमताज के मकबरे की मरम्मत के निर्देश दिए। उसमें साफ लिखा है कि मकबरे की हालत ठीक नहीं है। वह कई जगह से रिस रहा है। दरारें पड़ चुकी हैं। मकबरे को 7 माले का बताया गया है। यानी साफ है कि मकबरा औरंगजेब के समय में काफी पुराना हो चुका था, अगर शाहजहां ने बनवाया होता तो कुछ ही सालों बाद यह इतना पुराना नहीं पड़ गया होता।

4. शाहजहां की पत्नी का नाम मुमताज महल बताया गया है। इसीलिए इसका नाम ताजमहल भी रखा गया, लेकिन अगर कोई ऑथेंटिक डाक्यूमेंट्स खंगाले तो पता चलेगा कि मुमताज का नाम मुमताज उल जमानी लिखा गया है।

5. इस कब्र को 1631 में बनाना शुरू किया गया था और 1653 में यह बनकर तैयार हुई। यानी 22 साल

इसके निर्माण में लगे। एक कब्र को बनाने में इतना वक्त लगना भी शंका खड़ी करता है।

Previous Post

मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना अंतर्गत महज 4 महीनों में ही 38 हजार से अधिक मरीज हुए लाभांवित

Next Post

गिरौदपुरी में नए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का हुआ शुभारंभ

Team Bharat TV24x7

Team Bharat TV24x7

Next Post

गिरौदपुरी में नए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का हुआ शुभारंभ

  • Trending
  • Comments
  • Latest
खनन माफियाओं ने सिपाही को कुचलकर मार डाला

खनन माफियाओं ने सिपाही को कुचलकर मार डाला

June 9, 2024
कुसमी ट्रिपल मर्डर केस का बड़ा खुलासा

कुसमी ट्रिपल मर्डर केस का बड़ा खुलासा

November 17, 2024
युवक ने मरने से पहले बनाया वीडियो, अखिलेश यादव से लगाई गुहार, पत्नी सहित ससुराल वालों पर लगाया आरोप

युवक ने मरने से पहले बनाया वीडियो, अखिलेश यादव से लगाई गुहार, पत्नी सहित ससुराल वालों पर लगाया आरोप

September 21, 2024
बरौनी स्टेशन पर शंटिंग के दौरान इंजन-बोगी के बीच दबकर रेलकर्मी की मौत, बेगूसराय में दर्दनाक हादसा

बरौनी स्टेशन पर शंटिंग के दौरान इंजन-बोगी के बीच दबकर रेलकर्मी की मौत, बेगूसराय में दर्दनाक हादसा

November 9, 2024
परशुराम सेवा समिति की बैठक संपन्न, 29 अप्रैल को

परशुराम सेवा समिति की बैठक संपन्न, 29 अप्रैल को

1

कलेक्टर ने प्रतापपुर ब्लॉक के ग्रामवार समस्या शिविर में निराकरण किए गए कार्यों की दो पालियों में समीक्षा की

0

दुर्गेश और विशेष बने निशानेबाजी में चैंपियन ऑफ चैंपियन ।

0

लगातार दूसरे वर्ष लेखा प्रस्तुत करने में जिला कोषालय राज्य में पहले स्थान पर

0
श्रीरामलीला कमेटी के नये अध्यक्ष रोहित यादव,व महामंत्री बिनोद गोस्वामी को बनाया गया

श्रीरामलीला कमेटी के नये अध्यक्ष रोहित यादव,व महामंत्री बिनोद गोस्वामी को बनाया गया

July 7, 2025

खड़े ट्रक में घुसी कार, स्पेशल ब्रांच के हेड कॉन्स्टेबल और पत्नी की मौत, दो बेटे घायल

July 7, 2025

शाम की देश राज्यों से बड़ी खबरें

July 7, 2025

अपराध नियंत्रण में बड़ी सफलता : इटावा पुलिस ने 3 हिस्ट्रीशीटर अभियुक्तों को किया गिरफ्तार

July 7, 2025

Recent News

श्रीरामलीला कमेटी के नये अध्यक्ष रोहित यादव,व महामंत्री बिनोद गोस्वामी को बनाया गया

श्रीरामलीला कमेटी के नये अध्यक्ष रोहित यादव,व महामंत्री बिनोद गोस्वामी को बनाया गया

July 7, 2025

खड़े ट्रक में घुसी कार, स्पेशल ब्रांच के हेड कॉन्स्टेबल और पत्नी की मौत, दो बेटे घायल

July 7, 2025

शाम की देश राज्यों से बड़ी खबरें

July 7, 2025

अपराध नियंत्रण में बड़ी सफलता : इटावा पुलिस ने 3 हिस्ट्रीशीटर अभियुक्तों को किया गिरफ्तार

July 7, 2025

Follow Us

  • About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact

© 2024 Bharattv24x7

No Result
View All Result
  • छत्तीसगढ़
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • नॅशनल
  • Team

© 2024 Bharattv24x7