पाप की कमाई कभी फलती नही फलती है तो साथ चलती नहीं,,ओमवीर आर्य। घिरोर क्षेत्र के गांव घुराई मे आर्य समाज के द्वारा पंचमहयज्ञ व वेद कथा महोत्सब त्रिदिवसीय आयोजन किया जा रहा है उसी का आज अंतिम दिवस था जिसमे कन्नौज से पधारे पाखण्ड विजेता पंडित कुशराम आर्य प्रचारक ने समाज में फैली हुई कुंव्यबस्था पर बोलते हुवे कहा।आज मानव समझदार होते हुवे भी अंधकार में जी रहा है।वह ऐसे ऐसे कृत्य कर रहा है जिस्का बखान करना भी अच्छा नहीं लगता है।इसके बाद एटा से पधारे शिशुपाल सिंह आर्य ने कहा कि इस संसार में जो भी है वह ईश्वर के द्वारा सृष्टि की गयी वह सबसे अच्छी मानव रूप में है।अगर आज जो भी सबसे प्यारा है वह ॐ नाम इससे प्यारा और कुछ नहीं है।इसके बाद शिवराज सिंह आर्य ने आत्मा और परमात्मा पर बहुत ही मार्मिक व्याख्यान किया उन्होंने कहा ईश्वर वह शक्ति है जो अदृश्य है और आत्मा स्वरूप है।इसके बाद बुलंदशहर से पधारे ओमवीर आर्य ने संगीतमई संतान पर अपना बड़ा ही मार्मिक व्याख्यान देते हुवे कहा पाप की कमाई कभी फलती नहीं,और फलती है तो साथ चलती नहीं।उन्होंने बच्चो के लिए कहा कि विचारधारा का असर बच्चो पर सबसे अधिक पड़ता है।ईश्वर ने व्यबस्था की है जिस प्रकार पक्षी स्पर्श के द्वारा अपने बच्चों का पालन पोषण करता है कछुआ ध्यान के द्वारा बच्चों का पोषण करता है और मछली दर्शन के द्वारा पालन पोषण करती है। और मनुष्य स्पर्श,ध्यान,दर्शन के साथ साथ आलिंगन और चुम्बन से बच्चों का पालन पोषण करता है।अब वह समय है कि जिन्होंने अपने वच्चों को संस्कार नहीं दे पाते उनके माता शत्रु और पिता वैरी कहा जाता है।उन्होंने कहा कि हनुमान जी बंदर नहीं थे वल्कि वानर थे उनके पूँछ नहीं थी वल्कि पूछ थी।आज हमको बच्चों को संस्कारित करने की जरूरत है।इस अवसर स्वामी परमानंद सरस्वती,वनप्रस्थी शिव सिंह आर्य,महेश चंद्र आर्य,अनिल दीक्षित,सुभाष चंद्र आर्य,प्रकाश चंद्र,कुशल पाल,आचार्य महेंद्र शास्त्री,राकेश आर्य प्रधान आर्यसमाज विधूना,डॉक्टर रामवीर सिंह आर्य,मनोज आर्य,राजेश कुमार प्रंसिपल, पर सेकड़ों लोगों ने उपस्थित रहकर इस समारोह में उपस्थित रहे।