*बच्चों को नशे की लत से बचाने संजीदगी से हो प्रयास- बाल संरक्षण आयोग अध्यक्ष श्रीमती तेजकुंवर नेताम*
*आत्माराम पटेल ब्यूरो का रिपोर्ट*
बलौदाबाजार,। /छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा जिला पंचायत के सभाकक्ष में बैठक सह उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया।छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती तेजकुंवर नेताम,सदस्य श्रीमती आशा संतोष यादव,पुष्पा पाटले उपस्थित रही। आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि जिले में नशा मुक्ति के लिए पूरी संजीदगी से प्रयास किए जाए ताकि कोई भी बच्चा इस बुरी आदतों के चंगूल में न फंसे। उन्होंने कहा कि ऐसे बच्चे जो नशे की लत में आकर अपना जीवन बर्बाद कर रहे है, उन बच्चों को इन बुरी आदत से बाहर निकाले। जिसके लिए सबसे पहले उन दुकानदारों पर निगरानी रखें, जिनके माध्यम से वे इन सामानों की खरीदी कर रहे है। श्रीमती नेताम ने कोविड के दौरान माता-पिता खोने वाले बच्चों के संबंध में जानकारी ली जिस पर महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि ऐसे बच्चें जिन्होंने अपने माता एवं पिता दोनों खो चुके है उन्हें महतारी दुलार योजना अंतर्गत निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराया जा रहा है एवं छात्रवृत्ति भी प्रदाय की जा रही है। पीएम केयर योजना के माध्यम से उन्हें राशि प्रदाय किया गया है। सभी बच्चें अपने नजदीकी रिश्तेदार के यहां सुरक्षित है। उन बच्चों के लिए स्वामी आत्मानंद स्कूल एवं भाठागांव स्थित स्कूल में स्पेशल सीट की व्यवस्था की गयी है।
आयोग की अध्यक्ष नेताम ने जिले में बाल विवाह,बाल श्रम एवं बाल अधिकारों से संबंधित स्थिति एवं उसके संबंध किए गए प्रयासों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने सख्त हिदायत दी कि कहीं भी बाल विवाह एवं बाल श्रम के प्रकरण सामने न आए। उत्सव एवं शादी समय में इस पर विशेष निगरानी रखें, साथ ही स्पॉट पर जाकर देखें कि कहीं बाल श्रम तो नहीं हो रहा है, तभी वस्तुस्थिति का पता चल पाएगा। विभागीय अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि ग्राम स्तर पर संचालित बाल संरक्षण समितियों एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की सहायता से निगरानी रखी जा रही है तथा कोटवारों के माध्यम से बाल विवाह रोकथाम हेतु मुनादी करायी जा रही है। बाल श्रमिक की रोकथाम हेतु जिले में समय-समय पर रेस्क्यू कार्यक्रम चलाया जा रहा है।आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि अगर स्कूल के आसपास नशीली वस्तुओं की बिक्री हो रही हो तो कोटपा एक्ट के प्रावधानों के तहत स्कूल परिसर एवं उसके आसपास के 100 मीटर के दायरे के अंदर से उक्त दुकान को दूसरी जगह पर स्थानांतरित करायें एवं अधिनियम का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति अथवा प्रतिष्ठान के विरूद्ध कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए उपलब्ध शिक्षा के संसाधनों की समीक्षा की साथ ही नशा मुक्ति केन्द्र के स्थापना हेतु कलेक्टर के अनुमोदन से प्रस्ताव संचालनालय प्रेषित किये जाने हेतु निर्देश दिया गया। बैठक पश्चात् आदिम जाति विभाग द्वारा संचालित छात्रावास तथा स्वामी आत्मानंद स्कूल का निरीक्षण भी किया गया। बैठक के दौरान पुलिस विभाग,स्वास्थ्य,महिला एवं बाल विकास विभाग,श्रम,शिक्षा,आदिम जाति कल्याण विभाग,खेल एवं युवा कल्याण सहित अन्य विभाग के जिला अधिकारी गण उपस्थित रहें।