बाल दिवस के उपलक्ष्य में जयोत्री अकैडमी में त्रिदिवसीय पुस्तक मेले का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन मुख्य अतिथि सुशांत श्रीवास्तव (आईएएस) उप जिलाधिकारी भरथना, विद्यालय संस्थापक एवम पूर्व नगर पालिका चेयरमैन मनोज पोरवाल , विद्यालय प्रबंध निदेशक डॉ. नितिन पोरवाल और प्रधानाचार्य योगेंद्र नाथ मिश्रा के साथ किया गया। दीप प्रज्वलन एवं मां सरस्वती और पण्डित जवाहरलाल नेहरू के चित्रों पर माल्यार्पण कर इस मेले का शुभारंभ हुआ। यह मेला छात्रों में अध्ययन के प्रति रुचि विकसित करने और ज्ञान के प्रति उनका रुझान बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया।
इस अवसर पर एक विशेष प्रार्थना सभा में गायत्री मंत्रोच्चारण और हिंदी प्रार्थना के साथ आयोजन का आरंभ हुआ। जिसमे प्रकाश इंटर कालेज प्रबंधक अरविन्द दुबे, दलवीर यादव , सुबोध श्रीवस्तव एवं सुनील यादव उपस्थित रहे। इस मौके पर छोटे बच्चों द्वारा चाचा नेहरू को समर्पित समूह नृत्य ने कार्यक्रम में उत्साह का संचार किया।
वरिष्ठ छात्रों ने “बचपन की झलक” पर मनमोहक समूह नृत्य प्रस्तुत किया, जबकि कनिष्ठ छात्रों ने “बुधू सा मन” गीत पर अपनी शानदार प्रस्तुति दी। इसके अतिरिक्त शिक्षिका दीप्ति के गायन और नृत्य प्रशिक्षक अदनान एवं संगीत शिक्षक अनुज के युगल गायन ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
प्रधानाचार्य योगेंद्र नाथ मिश्रा ने छात्रों को प्रेरित किया कि वे नेहरू जी के आदर्शों पर चलते हुए ज्ञान प्राप्त करें और अपने अंदर नेतृत्व व नैतिकता का विकास करें। प्रधानाचार्य ने पुस्तक मेले को छात्रों के सर्वांगीण विकास का एक महत्वपूर्ण अवसर बताया और बच्चों से आग्रह किया कि वे इस मेले में प्रस्तुत पुस्तकों के माध्यम से अपनी जिज्ञासा और ज्ञान की प्यास को बढ़ाएं।
निदेशक डॉ. नितिन पोरवाल ने अपने संबोधन में आग्रह किया कि वे इस पुस्तक मेले का भरपूर लाभ उठाएँ और अपनी जिज्ञासाओं का समाधान खोजने का प्रयास करें। डॉ. पोरवाल ने कहा कि किताबें न केवल हमारी सोच का विस्तार करती हैं बल्कि हमारे व्यक्तित्व का भी निर्माण करती हैं।
भरथना के एस डी एम और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आई ए एस सुशांत श्रीवास्तव ने सभी बच्चों को बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए पुस्तक मेले के आयोजन के लिए जयोत्री अकादमी की भूरी-भूरी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से बच्चों में पढ़ने की आदत को प्रोत्साहन मिलता है, जो उनके व्यक्तित्व के निर्माण में सहायक सिद्ध होता है। पुस्तकों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए श्रीवास्तव ने कहा कि किताबें हमारे जीवन में गुरु के समान हैं, जो हमें सही राह दिखाती हैं और हमारी सोच को विकसित करती हैं। उन्होंने कहा कि एक अच्छी पुस्तक हमारे ज्ञान, व्यक्तित्व और चरित्र का निर्माण करती है।
इस त्रिदिवसीय पुस्तक मेले के आयोजन में विद्यालय के शिक्षकों एवं छात्रों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। काजल रुख़सार एवं अश्वनी यादव ने इस कार्यक्रम का रोचक संचालन कर सबका मन मोह लिया।