भारत tv24×7 न्यूज चैनल रिपोर्टर – सैफ अली
बलरामपुर, 22 सितंबर 2024/ कांग्रेस पार्टी ने लोहारीडीह कांड के विरोध में छत्तीसगढ़ में बंद का आह्वान किया, जिसका प्रभाव विभिन्न इलाकों में मिला-जुला देखने को मिला। इस विरोध प्रदर्शन ने राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ लाया है, खासकर तब जब मामले ने हिंसक रूप धारण किया है।
बंद का असर
रायपुर में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज और अन्य नेताओं ने सड़कों पर उतरकर दुकानदारों से दुकानें बंद करने की अपील की। उन्होंने शास्त्री मार्केट, गंज मंडी, सदर बाजार, गोल बाजार, और अन्य प्रमुख क्षेत्रों में जाकर दुकानदारों को समझाया। हालांकि, छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स ने इस बंद को समर्थन नहीं दिया, जिसके चलते अधिकतर दुकानें खुली रहीं। चेंबर ने कहा कि इतने कम नोटिस पर प्रदेश की दुकानों को बंद करना व्यावहारिक नहीं है।
कवर्धा में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सड़कों पर उतरकर इक्के-दुक्के खुली दुकानों को बंद कराने का प्रयास किया। यहां पर पुलिस और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की गई। शहर के मेन मार्केट, सराफा लाइन और रायपुर रोड पर अधिकांश दुकानें बंद रहीं, जबकि आपातकालीन सेवाएं, मेडिकल दुकानें और कुछ छोटे व्यवसाय खुले रहे।
बस्तर में भी बंद का असर देखा गया। यहां गांधीवादी तरीके से बंद का आह्वान किया गया, जिसमें बस्तर चेंबर ऑफ कॉमर्स ने समर्थन दिया। बस्तर में सुबह 9 बजे से दोपहर 3 बजे तक सभी दुकानें बंद रहीं। सुरक्षा के पुख्ते इंतजाम किए गए थे ताकि किसी भी प्रकार की हिंसा से बचा जा सके।
बेमेतरा में भी कांग्रेसी कार्यकर्ता शहर में घूम-घूमकर व्यापारियों से प्रतिष्ठान बंद कराने का प्रयास कर रहे थे। यहां जिला अध्यक्ष बंशी पटेल ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर बंद का समर्थन किया। नगर पंचायत नवागढ़ में लोगों ने स्वस्फूर्त अपने प्रतिष्ठान बंद किए, जिससे बड़े दुकानों से लेकर ठेले वालों ने भी दुकानें बंद रखीं।
मामला क्या है?
यह बंद लोहारीडीह कांड से जुड़ा है, जिसमें 15 सितंबर को शिव प्रसाद साहू उर्फ कचरू साहू का शव फांसी पर लटका मिला। इस घटना के बाद ग्रामीणों ने हत्या के शक में रघुनाथ साहू के घर पर हमला कर दिया और घर को आग के हवाले कर दिया। कबीरधाम के एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव अपनी टीम के साथ गांव पहुंचे थे, लेकिन ग्रामीणों ने पुलिस टीम पर भी हमला कर दिया।
पुलिस की टीम जब आग लगे घर पर पहुंची, तो वहां रघुनाथ साहू का शव जला हुआ मिला। यह गांव पहले से भूमि विवाद से जूझ रहा था, जो अब हिंसक घटनाओं में बदल गया। मृतक शिव प्रसाद साहू का संबंध मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले से है, और बालाघाट पुलिस मामले की जांच कर रही है। प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में फांसी से मौत की पुष्टि हुई है।
इस घटनाक्रम में पुलिस ने 69 लोगों को गिरफ्तार किया है। बुधवार को इनमें से एक आरोपी, प्रशांत साहू, जिसकी उम्र 27 वर्ष थी, कवर्धा जेल में मृत पाया गया। उसके शरीर पर चोट के निशान मिले हैं, जिससे परिजनों ने पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया है।
प्रशासनिक कार्रवाई
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए 2020 बैच के आईपीएस अधिकारी कबीरधाम एएसपी विकास कुमार को निलंबित किया गया है। इसके अलावा, राजनांदगांव रेंज आईजी ने दो पुलिसकर्मियों समेत जंगल रेंगाखार थाना की पूरी टीम को लाइन हाजिर कर दिया है। वर्तमान में गांव में पुलिस और प्रशासन की टीम मौजूद है, ताकि स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सके।
निष्कर्ष
कांग्रेस के इस बंद ने छत्तीसगढ़ में राजनीतिक गतिविधियों को नई दिशा दी है और लोगों के बीच इस घटना की गंभीरता को उजागर किया है। बंद के दौरान प्रशासनिक और राजनीतिक दोनों ही स्तर पर जवाबदेही की आवश्यकता महसूस की जा रही है। लोहारीडीह कांड की गुत्थी को सुलझाने के लिए जांच और राजनीतिक प्रदर्शन जारी हैं, जिससे आने वाले समय में और भी घटनाएं सामने आ सकती हैं।