रिपोर्टर – दीपक अधिकारी
परिस्थितियों को मात देकर जो आगे बढ़ते हैं उन्हें हर कोई सलाम करता है शौहरत भले ही देर में हासिल हो लेकिन उनका परिश्रम सैकड़ों लोगों के लिए रास्ते खोल देता है ऐसी ही कहानी है कराटे में ब्लैक बेल्ट पाने वाले पुरानी आईटीआई निवासी मुकेश पाल की जो घर की आर्थिक तंगी के कारण पढ़ नहीं पाएं लेकिन उन्होंने खेल के माध्यम से पूरे उतराखंड में नाम कमाया मुकेश पाल पिछले 15 साल से साइकिल का पंचर जोड़ने का काम कर रहे हैं उनकी दुकान रामपुर रोड पर है लेकिन 9 साल पहले उन्हें कराटे करने का फैसला किया जो उनकी आय का साधन बन गया है
मुकेश खुद का एक ट्रेनिंग सेंटर भी चलाते हैं और उनकी तमन्ना है कि वह पूरे उत्तराखंड में कराटे के जरिए लोगों को शारीरिक मजबूती के लिए प्रेरित करें हल्द्वानी के मुकेश कई राष्ट्रीय प्रतियोगिता में कामयाबी हासिल कर चुके हैं साल 2017 में तमिलनू में उन्होंने खिताब अपने नाम किया इसके बाद उन्होंने भीमताल में ब्लैक बेल्ट परीक्षा को उत्तीर्ण किया साल 2021 में मुकेश ने एक बार फिर अपना जलवा दिखाया और दूसरी ब्लेक बेलट के हकदार बन गए मुकेश चार भाई बहनों में तीसरे नंबर के हैं मुकेश कहते हैं कि मैंने कभी अपने काम को बोझ नहीं समझा है
सुबह वह दुकान जाते हैं और फिर शाम को पीलीकोठी में युवाओं को कराटे की ट्रेनिंग देते हैं इसके अलावा वह खुद की फिटनेट पर भी ध्यान देते हैं और जीम में वर्क आउट करते हैं मुकेश कहते हैं कि कराटे बेहद अहम होता जा रहा है और हम राज्य सरकार से बस इतना कहना चाहते हैं कि वह राज्य का नाम रौशन कर रहे युवाओं को कुछ सुविधाएं दे.. ताकि बड़े मंचों पर भी युवा कमाल कर सकें आने वाले वक्त में हो सकता है कि कराटे ओलंपिक का हिस्सा बन जाए और अगर तैयारी अभी से शुरू कर दी तो भविष्य में बेहतर नतीजे मिल पाएंगे
बाइट – मुकेश पाल