इटावा इकदिल क्षेत्र में सदियों से परंपरागत तरीके से हर साल ताजिये उठते आए हैं। जिसमें हिंदू-मुस्लिम दोनों धर्म के लोग इसमें शामिल रहते हैं और भाईचारे के साथ मोहर्रम के त्योहार को मनाते आएं हैं। लेकिन अबकी बार ताजिया कमेटी ने फैसला लिया है कि वह अपने क्षेत्र में ताजिये नहीं उठाएंगे। ताजिया कमेटी ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया।
इसमें तीन ताजियादार मोहम्मद यूनुस अंसारी, लाल मोहम्मद फारुकी, सूरज मंसूरी मौजूद रहे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोहम्मद यूनुस अंसारी ने ताजिया ना उठाए जाने की वजह बताई है। मोहम्मद युनुस अंसारी का कहना है कि मोहल्ला ठेर थाना इकदिल में सैकड़ो साल पुराना एक मकबरा बना हुआ है। जहां हिंदू मुस्लिम समुदाय के दोनों लोग मकबरे को आस्था के रूप में मानते आ रहे हैं। यहां शाही कुए के पास से रास्ता गुजरा हुआ है। जहां मकबरे में जाने वाले लोग इसी रास्ते से जाते है। यहां के लोग सैकड़ो साल से इसी रास्ते से होकर मकबरे में जा रहे हैं। लेकिन अचानक से कुछ लोगों की नियत मकबरे को जाने वाले रास्ते पर खराब हो गई है। जिसमें मुख्य रूप से उमेश शुक्ला उर्फ पुल्ली इस रास्ते पर जबरन कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। यहां मकबरे की ओर जाने वाले रास्ते पर उनके द्वारा जबरन निर्माण कार्य कराने की कोशिश की जा रही है। जब इस मामले की जानकारी वक़्फ़ बोर्ड की जमीन की देखरेख करने वाले मोहम्मद यूनुस अंसारी, रशीद अहमद, रियाज अहमद उर्फ़ राजू, शहाबुद्दीन फारुकी, मोजुद्दीन राईन, शरीफ मंसूरी को हुई तों हम लोगों ने जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी/सहायक सर्वे आयुक्त वक्फ इटावा को इसकी जानकारी दी गई। हमारी जानकारी मिलने के बाद जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने वक्फ बोर्ड की मकबरे को जाने वाले रास्ते के दस्तावेज निकाले तो उसमें शाही कुए के पास से रास्ता होता हुआ दिखाया गया है।
जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मकबरे को जाने वाले रास्ते का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे। यहां देखा गया कि मकबरे को जाने वाले रास्ते पर कुछ लोग निर्माण कार्य करा रहे थे। इस काम को जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के द्वारा रुकवा दिया गया था और उन्हें चेतावनी दी गई थी। उन्हें बताया गया था कि यह रास्ता वक्फ बोर्ड के दस्तावेजो में मौजूद है। इस मामले में मकबरे के रास्ते पर कब्जा करने वाले उमेश शुक्ला उर्फ पुल्ली ने सदर तहसीलदार और नायब तहसीलदार का सहारा लिया। दिनांक 10.7.2024 को सदर तहसीलदार और नायब तहसीलदार मकबरे को जाने वाले रास्ते पर इकदिल पुलिस और उमेश शुक्ला उर्फ पुल्ली के साथ में पहुंचे। यहां उन्होंने रास्ते पर कब्जा करने वाले उमेश शुक्ला का साथ दिया।
सदर तहसीलदार और नायब तहसीलदार के साथ-साथ पुलिस की मौजूदगी में अवैध निर्माण कार्य को शुरू करवाया गया। यहां अधिकारियों ने वक्फ बोर्ड के किसी भी सदस्य को सूचना नहीं दी। वही जब मुस्लिम समुदाय के लोगों को जानकारी हुई कि अधिकारी मकबरे के रास्ते पर जबरन कब्जा करा रहे हैं। तब भारी संख्या में पुरुष और महिलाएं पहुंची। जहां पर उन्होंने अधिकारियों की मौजूदगी में जबरन कराए जा रहे अवैध निर्माण कार्य का विरोध किया। यहां पुलिस ने हमारी मुस्लिम महिलाओ और पुरुष के साथ मारपीट की और अभद्रता की। प्रशासन के इस रवैये से पूरा मुस्लिम समाज नाराज है। मुझे अंदेशा है कि क्षेत्र में गंगा-जमुना तहजीब को खराब करने की कोशिश की जा रही है। मुझे लगता है ताजिए के उठाए जाने के दौरान किसी भी तरीके का माहौल खराब हो सकता है। मुझे प्रशासन पर किसी भी तरीके का भरोसा नहीं है कि वह इस दौरान हमारा साथ दे। इसलिए ताजिया कमेटी ने फैसला लिया है कि सदियों से उठने वाला ताजिया अबकी बार नहीं उठाया जाएगा।
इस मौके पर मोहम्मद यूनुस अंसारी, रशीद अहमद, रियाज अहमद उर्फ़ राजू, शहाबुद्दीन फारुकी, मोजुद्दीन राईन, शरीफ मंसूरी, हारून अंसारी, गुलाम मोहम्मद उर्फ़ अन्नू मंसूरी, लाल मुहम्मद, छुन्ना फारूखी, शरीफ फारूखी, फ़िरोज़ अब्बासी (सभासद), नदीम राईन (सभासद), अफ़जाल फारूखी (फारूखी) समेत मुस्लिम समाज के कई लोग मौके पर मौजूद रहे।