कुशीनगर कसया सतीश यादव हत्या कांड एक अभियुक्त गिरफ्तार अवैध शस्त्र बरामद
कुशीनगर हत्या में एक अभियुक्त मुरारी यादव उर्फ साधू पुत्र शंकर यादव सपहां कुशीनगर
आरोपी मुरारी यादव उर्फ साधू व मृतक सतीश चन्द्र यादव उर्फ पप्पू यादव विगत चार वर्षों से अपने रिश्तेदारों व व्यापारियों को मोटे व्याज का लालच देकर उनसे लाखों रुपये उधार लेते थे जिसके कई लोगों से विवाद की स्थिति थी मृतक सतीश चन्द्र यादव ने वर्ष 2023 के आखिरी दिन यानी 31.12.2023 को शाम को 8 बजे तक कुल आधा दर्जन लोगो को भारी रकम देने का वादा किया था तथा आरोपी मुरारी यादव उर्फ साधू को भी एक लाख रुपया उसकी दो महिने बाद होने वाली शादी की तैयारी के लिए देने का वादा किया था मृतक सतीश चन्द्र यादव हर बार आरोपी मुरारी यादव को जब पैसा देने की बारी आती थी तो उसके हिस्से का रुपया खुद व परिवार की एलआईसी करवाने में लगा देता था इन दोनों के मन मुटाव की शुरुआत दिनांक 28.10.2023 को तीन लाख रुपये के बटवारे को लेकर हुयी थी जिसमें मृतक सतीश उपरोक्त अपने एलआईसी ऐजेन्ट से लगभग 3 लाख रुपया जीवन आनन्द नामक एलआईसी पालसी में अपने नाम जमा करा दिया तथा दिनांक 31.12.2023 को जब मृतक उपरोक्त को आरोपी मुरारी यादव उर्फ साधू को एक लाख रुपया देना था तो भी मृतक ने एक लाख रुपया छल से दिनांक 31.12.2023 को अपनी लड़की व छोटे लड़के की जीवन तरुण एलआईसी में क्रमशः 50 हजार व 40 हजार रुपया समय करीब शाम के 7 बजे जमा करा दिया यह बात आरोपी को नागवार गुजरी तथा उसी दिन मृतक द्वारा बताया गया कि आज मै रुपये देनदारों को दूगा यह बात पूरे गांव में व आरोपी मुरारी यादव को पता लग मौके का फायदा देखकर दिनांक 31.12.2023 को रात्रि 10 बजे के आस पास मृतक द्वारा शराब लाने व पीने का आमत्रंण देते ही तुरन्त आरोपी खरदर पुलिय़ा में पहुंच गया तथा दोनों शराब पीने के बाद वाद विवाद करने लगे मौके का फायदा उठाकर जैसे ही मृतक सतीश चन्द्र यादव सड़क से हटकर कच्चे रास्ते में पेशाब करने के लिए गया तो पीछे से मौका देखकर 12 बोर के तमन्चे से मुरारी यादव ने उसके उपर जान से मारने की नियत से फाय़र कर दिया लेकिन किया हुआ फायर लक्ष्य से भटककर हवा में चला गया तथा पूर्व से बनायी गयी योजना के अनुसार वही पर पडे नुकीले भारी कठोर लकडी के मोटे डंडे से मृतक के सर के पीछे जोरदार प्रहार करके वही हत्या कर दी तथा घटना को आपराधिक कृत्य का रुप देने के लिए मोटरसाइकिल को गिराकर मृतक की हेलमेट को दूर लटका दिया तथा मोटरसाइकिल को क्षतिग्रस्त कर दिया और तमन्चे व कारतूसों को वही पास में मट्टी के ढेर में झुपा दिया और गांव वालों के द्वारा फायर की आवाज सुन कर आने पर जब भीड़ इकट्ठा हो गयी तो सहानुभूति का सहारा लेकर वही पर खडा हो गया