भयानक हार से बीएसपी में मायावती काफी दबाव में है। दस सांसदों वाली पार्टी फिर से खाता खोलने तक को तरस गई। बीएसपी का वोट शेयर सिंगल डिजिट पर लुढ़क गया। कभी 30 प्रतिशत वोट शेयर वाली पार्टी आज 9 प्रतिशत पर पहुंच गई है। एक विधायक और कोई सांसद नहीं। पतन के तलातल में पहुंची बीएसपी में आंतरिक नाराजगी जबरदस्त फैली हुई है। पार्टी के जिम्मेदारों का मानना है की अब बहन जी को अपनी राजनीतिक भूमिका बदलकर पार्टी की पूरी कमान आकाश आनंद को देनी चाहिए। चंद्रशेखर की बड़े राजनीतिक उभार के बाद मायावती के लिए अपनी पार्टी की बची जमीन को सहेज पाने की चुनौती है। हालांकि बीएसपी में अभी खुले तौर पर कोई नही बोल रहा लेकिन आपसी बैठकों में यही बात चल रही है की बहन जी अपनी भूमिका बदले। सूत्रों के मुताबिक मायावती जल्दी ही पार्टी की जल्दी ही मीटिंग बुला सकती हैं।