इटावा। जंगे आजादी के महान सपूत देश के प्रथम शिक्षा मंत्री, भारत रत्न अबुल कलाम आजाद को उनकी जयंती शिक्षा दिवस पर इस्लाम पार्टी हिंद के जिला अध्यक्ष तस्लीम खान मंसूरी एडवोकेट के नेतृत्व में पार्टी जनों ने मौलाना के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए महेरा चुंगी स्थित जिला कार्यालय पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये इस अवसर पर कौमी तहफ्फुज कमेटी के संयोजक खादिम अब्बास ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद की कुर्बानी और बलिदान को बुलाया नहीं जा सकता वह राष्ट्रभक्ति के साथ एक अच्छे साहित्यकार कवि और पत्रकार थे।
इस्लाम पार्टी के जिला अध्यक्ष तस्लीम खान मंसूरी एडवोकेट ने कहा जंगे आजादी के सूरमा अबुल कलाम आजाद को किसी भी जाति, धर्म, वर्ग के बंधन में नहीं बांधा जा सकता भारत की आजादी में उनका महत्वपूर्ण योगदान था। मुंबई के ग्वालटोली के मैदान में मौलाना अबुल कलाम आजाद की अध्यक्षता में महात्मा गांधी ने नारा दिया था अंग्रेजों भारत छोड़ो, करो या मरो 9 अगस्त 1942 को दिया आज देश वासी उसे क्रांति दिवस के रूप में मनाते हैं।
इंसानी भाईचारा प्रेम सदभाव समिति के अध्यक्ष मोहम्मद आमीन भाई ने कहा कि सत्ताधारी लोग मौलाना अबुल कलाम आजाद के त्याग और बलिदान को भूलते जा रहे हैं मौलाना आजाद भारत की एकता और अखंडता के पक्षधर थे तथा देश बंटवारे के विरोधी थे।
संगोष्ठी की अध्यक्षता इस्लाम पार्टी के जिला अध्यक्ष तस्लीम खान मंसूरी ने की ।
इस दौरान कार्यक्रम में उपस्थित रहे
शमीम मंसूरी, राजू मंसूरी, सतीक मंसूरी, अजीम राईन इरशाद खान, सगीर मंसूरी, शान मोहम्मद, शब्बीर मंसूरी नईम मंसूरी, हामिज रहवर मंसूरी, हाफिज तोशीफ साहब, कारी सरफराज सहाव, ताज खान, गुड्डू, राशिद रजा ,अयूब खान, महमूद खान, हसन खान, आमिर मंसूरी इकबाल कुरैशी, आदि लोगों की उपस्तिथि उल्लेखनीय रही ।